जो दिल में हौसला होता
तो ये अंजाम ना होता
जो होता सर में सौदा तो
ये सर नाकाम ना होता
Jo dil me.n hauslaa hota to ye anjaam naa
hotaa
Jo hota sar me.n saudaa to ye sar naakaam naa
hotaa
ये उल्फ़त है के मजबूरी,
हुए रुस्वा, चले जाते
न कूचे में यहाँ फिरते
न उनका सामना होता
Ye ulfat hai ke majbuurii, hue rusvaa, chale
jaate
Na kuuche me.n yahaa.n phirte na unkaa saamanaa
hotaa
तमाशा मेरे आगे है
तमाशा तेरे आगे भी
जो तेरा दख़्ल कुछ होता मिरा कुछ काम ना होता
Tamaashaa mere aage hai tamaashaa tere aage
bhii
Jo teraa dakhl kuchh hota miraa kuchh kaam naa
hotaa
बजा ताकीद क़ुदरत की कि
वो भी फ़र्दे-वाहिद है
मगर हमराज़ तो होता भले
हमनाम ना होता
Bajaa taakiid qudrat kii ki wo bhii
fard-e-vaahid hai
Magar hamraaz to hotaa bhale hamnaam naa hotaa
ज़मीं से ज़ह्र पीते हैं
जड़ों को खोद ही देते
अगर मिट्टी बदल देना
शजर का काम ना होता
Zamii.n se zahr piite hai.n jaDo.n ko khod hii
dete
Agar mittii badal denaa shajar kaa kaam naa
hotaa
चली है रस्म कुछ ऐसी
अब इस तर्ज़े-हुकूमत में
के वो बदकार ना होता तो
उसका नाम ना होता
Chalii hai rasm kuchh aisii ab is
tarze-hukuumat me.n
Ke wo badkaar naa hotaa to uskaa naam naa
hotaa
जो दुश्मन बा-अदब होता
तो हम तेग़े-सुख़न लेकर
उसी के सामने होते उसी
से सामना होता
Jo dushman baa-adab hotaa to ham teGe-sukhan
lekar
Usii ke saamane hote usii se saamanaa hotaa
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Ravi Sinha
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सौदा (saudaa) - इश्क़
(love); उल्फ़त (ulfat) - मुहब्बत (love); रुस्वा (rusvaa) - बदनाम (disgraced);
बजा (bajaa) - मुनासिब (appropriate); फ़र्दे-वाहिद (fard-e-vaahid) - अकेली
शख़्सियत (unique individual); शजर (shajar) - पेड़ (tree); बदकार (badkaar) - दुष्ट
(wicked); तेग़े-सुख़न (teGe-sukhan) - कविता की तलवार (the sword of poetry)
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