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Monday, September 24, 2018


जो दिल में हौसला होता तो ये अंजाम ना होता
जो होता सर में सौदा तो ये सर नाकाम ना होता
Jo dil me.n hauslaa hota to ye anjaam naa hotaa
Jo hota sar me.n saudaa to ye sar naakaam naa hotaa

ये उल्फ़त है के मजबूरी, हुए रुस्वा, चले जाते 
न कूचे में यहाँ फिरते न उनका सामना होता 
Ye ulfat hai ke majbuurii, hue rusvaa, chale jaate
Na kuuche me.n yahaa.n phirte na unkaa saamanaa hotaa

तमाशा मेरे आगे है तमाशा तेरे आगे भी 
जो तेरा दख़्ल कुछ होता मिरा कुछ काम ना होता 
Tamaashaa mere aage hai tamaashaa tere aage bhii
Jo teraa dakhl kuchh hota miraa kuchh kaam naa hotaa 

बजा ताकीद क़ुदरत की कि वो भी फ़र्दे-वाहिद है  
मगर हमराज़ तो होता भले हमनाम ना होता 
Bajaa taakiid qudrat kii ki wo bhii fard-e-vaahid hai
Magar hamraaz to hotaa bhale hamnaam naa hotaa

ज़मीं से ज़ह्र पीते हैं जड़ों को खोद ही देते
अगर मिट्टी बदल देना शजर का काम ना होता
Zamii.n se zahr piite hai.n jaDo.n ko khod hii dete
Agar mittii badal denaa shajar kaa kaam naa hotaa

चली है रस्म कुछ ऐसी अब इस तर्ज़े-हुकूमत में
के वो बदकार ना होता तो उसका नाम ना होता
Chalii hai rasm kuchh aisii ab is tarze-hukuumat me.n
Ke wo badkaar naa hotaa to uskaa naam naa hotaa

जो दुश्मन बा-अदब होता तो हम तेग़े-सुख़न लेकर 
उसी के सामने होते उसी से सामना होता
Jo dushman baa-adab hotaa to ham teGe-sukhan lekar
Usii ke saamane hote usii se saamanaa hotaa

-          Ravi Sinha
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सौदा (saudaa) - इश्क़ (love); उल्फ़त (ulfat) - मुहब्बत (love); रुस्वा (rusvaa) - बदनाम (disgraced); बजा (bajaa) - मुनासिब (appropriate); फ़र्दे-वाहिद (fard-e-vaahid) - अकेली शख़्सियत (unique individual); शजर (shajar) - पेड़ (tree); बदकार (badkaar) - दुष्ट (wicked); तेग़े-सुख़न (teGe-sukhan) - कविता की तलवार (the sword of poetry)

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