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Saturday, July 20, 2019

अब तबस्सुम भी कहाँ हुस्न का इज़हार लगे


अब तबस्सुम भी कहाँ हुस्न का इज़हार लगे 
शाहिद-ए-गुल से कहो बाग़ ये बाज़ार लगे
Ab tabassum bhi kahaa.n husn ka izhaar lage
Shaahid-e-gul se kaho baaG ye baazaar lage 

ग़र्क़े-दरिया थे तहे-आब सफ़र होना था 
जो उधर ज़ीस्त में डूबे तो इधर पार लगे
Garq-e-dariyaa the tah-e-aab safar honaa thaa
Jo udhar ziist me.n Duube to idhar paar lage

हाँ तग़ाफ़ुल तो है उम्मीद मगर है बाक़ी
अपना होना भी न होना भी याँ दुश्वार लगे  
Haa.n taGaaful to hai ummiid magar hai baaqii
Apna honaa bhi na honaa bhi yaa.n dushvaar lage

रश्के-फ़िरदौस मुअ'ल्लक़ है तसव्वुर में जहान 
जो उतर आय तो फिर रोज़ का संसार लगे 
Rashk-e-firdaus mu’allaq hai tasavvur me.n jahaan
Jo utar aay to phir roz ka sansaar lage

लड़खड़ाती सी चले है ये सरे-राहे-जदीद 
क़ौम ये अपनी क़दामत से ही सरशार लगे
LaDkhaDaatii si chale hai ye sar-e-raah-e-jadiid
Qaum ye apni qadaamat se hi sarshaar lage

ये ज़मीं ज़हर पिलाती है यहाँ पौधों को 
और हैरत है तुम्हें बाग़ ये बीमार लगे  
Ye zamii.n zahr pilaatii hai yahaa.n paudho.n ko
Aur hairat hai tumhe.n baaG ye biimaar lage

क़त्ल मासूम हुए तख़्त-नशीं हैं क़ातिल 
मुझको ये मुल्क समूचा ही गुनहगार लगे 
Qatl maasuum hue taKHt-nashii.n hai.n qaatil
Mujhko ye mulk samuuchaa hi gunahgaar lage

गो ज़लाज़िल को गिराने थे मकानात सभी 
क़स्र जो एक खड़ा है वही मिस्मार लगे 
Go zalaazil ko giraane the makaanaat sabhii
Qasr jo ek khaDaa hai vahi mismaar lage

फ़िक्र का रंग तग़ज़्ज़ुल में मिलाया जाये 
अर्ज़े-उल्फ़त भी उन्हें जग से सरोकार लगे 
Fikr kaa rang taGazzul me.n milaayaa jaaye
Arz-e-ulfat bhi unhe.n jag se sarokaar lage

-          Ravi Sinha
तबस्सुम (tabassum) – मुस्कान (smile); इज़हार (izhaar) – प्रकट होना (manifestation); शाहिद (shaahid) – गवाह (witness); ग़र्क़ (Garq) – डूबा हुआ (drowned); तहे-आब (tah-e-aab) – पानी के नीचे (under water); ज़ीस्त (ziist) – जीवन (life); तग़ाफ़ुल (taGaaful) – उपेक्षा (neglect); रश्क (rashk) – ईर्ष्या (envy); फ़िरदौस (firdaus) – स्वर्ग (paradise); मुअ'ल्लक़ (mu’allaq) – टँगा हुआ (suspended); सरे-राहे-जदीद (sar-e-raah-e-jadiid) – आधुनिकता के रास्ते पर (on the road to modernity); क़दामत (qadaamat) – प्राचीनता (ancient-ness); सरशार (sarshaar) – नशे में (drunk); ज़लाज़िल (zalaazil) - भूकम्प (बहु.) (earthquakes); क़स्र (qasr) – भवन (mansion); मिस्मार (mismaar) – तबाह (destroyed); तग़ज़्ज़ुल (taGazzul) – ग़ज़ल का रंग (colour of the Gazal); अर्ज़े-उल्फ़त (arz-e-ulfat) – प्रेम निवेदन (solicitation of love) 

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