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Monday, November 8, 2021

तिरे बग़ैर ये दुनिया बनी तो क्या होगी

 

तिरे बग़ैर ये दुनिया बनी तो क्या होगी 

मिरे वजूद में तेरी कमी तो क्या होगी 

Tire baGair ye duniyaa banii to kyaa hogii

Mire vajuud me.n terii kamii to kyaa hogii

 

बहुत सुना है करिश्मा है ये अनासिर का 

तिरे बग़ैर मगर ज़िन्दगी तो क्या होगी

Bahut sunaa hai karishmaa hai ye anaasir kaa

Tire baGair magar zindagii to kyaa hogii 

 

हरेक आशना नाकाम ही तो लौटा है 

मुझे रक़ीब से फिर दुश्मनी तो क्या होगी 

Harek aashnaa naakaam hii to lauTaa hai

Mujhe raqiib se phir dushmanii to kyaa hogii

 

कहाँ से चल के ये आयी है इस समन्दर तक 

किसी नदी में भला तिश्नगी तो क्या होगी 

Kahaa.n se chal ke ye aayii hai is samandar tak

Kisii nadii me.n bhalaa tishnagii to kyaa hogii

 

तिरा जमाल फ़रोज़ाँ तो ख़ुद से है फिर भी 

मिरी नज़र के बिना दिलकशी तो क्या होगी 

Tiraa Jamaal farozaa.n to KHud se hai phir bhii

Mirii nazar ke binaa dil-kashii to kyaa hogii

 

जिसे तलाश करें फ़लसफ़े उसूलों में 

हक़ीक़तों में वही सादगी तो क्या होगी 

Jise talaash kare.n falsafe usuulo.n me.n

Haqiiqato.n me.n vahii saadagii to kyaa hogii

 

सभी हैं आग के गोले सभी हैं दूर बहुत 

भला नुजूम से वाबस्तगी तो क्या होगी 

Sabhii hai.n aag keg ole sabhii hai.n duur bahut

Bhalaa nujuum se vaabastagii to kyaa hogii

 

हरेक शख़्स अँधेरे का कारख़ाना है 

जले चराग़ मगर रौशनी तो क्या होगी 

Harek shaKHs a.ndhere ka kaar-KHaanaa hai

Jale charaaG magar raushnii to kyaa hogii

 

खड़े हैं देवता मन्दिर में असलहे लेकर 

डरेंगे लोग मगर बन्दगी तो क्या होगी 

KhaDe hai.n devtaa mandir me.n aslahe lekar

Dare.nge log magar bandagii to kyaa hogii

 

- Ravi Sinha

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अनासिर – पंचतत्त्व; रक़ीब – प्रतिद्वन्दी; तिश्नगी – प्यास; जमाल – सौन्दर्य; फ़रोज़ाँ – चमकता हुआ; नुजूम – सितारे; वाबस्तगी – रिश्ता

Anaasir – elements; Raqiib – competitor (in love-interests); Tishnagii – thirst; Jamaal – beauty; Farozaa.n – shining; Nujuum – stars; Vaabastagii – relationship

2 comments:

  1. वाह आस्तित्वादवाद से शुरू होकर post truth और post modernist खयालों और व्यक्ति के भीतर तक की पड़ताल करती है ये ग़ज़ल ... सुंदर कृति के बहुत बहुत बधाई sir

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  2. डरेंगे लोग मगर बन्दगी तो क्या होगी...

    कमाल sir...

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