रूह में राग रग-ए-जाँ में कोई साज़ लिये
ये मुग़न्नी है ज़माने की भी आवाज़
लिये
Ruuh me.n raag rag-e-jaa.n me.n koi
saaz liye
Ye muGannii hai zamaane ki bhi aavaaz
liye
बज़्म-ए-शोरिश में ठहाके भी हैं तन्हाई
भी
कुछ सुख़नवर भी हैं ख़ामोश से अल्फ़ाज़
लिये
Bazm-e-shorish me.n THahaake bhi
hai.n tanhaa.ii bhi
Kuchh suKHan-var bhi hai.n KHaamosh
se alfaaz liye
पेड़ भी साज़िश-ए-क़ुदरत में रहे होंगे
शरीक
एक चिड़िया जो गिरी पंख में परवाज़ लिये
PeD bhii saazish-e-qudrat me.n rahe
ho.nge shariik
Ek chiriyaa jo girii pa.nkh me.n
parvaaz liye
वक़्त की रेत में लाशों का उभरना
देखा
फिर भी तारीख़ रवाँ ख़ल्क़ के अमराज़
लिये
Vaqt kii ret me.n laasho.n ka
ubharanaa dekhaa
Phir bhi taariiKH ravaa.n KHalq ke
amraaz liye
किसको मालूम मुहब्बत की हक़ीक़त क्या
है
वो ख़यालों में तो हैं इश्क़ के एजाज़
लिये
Kisko maaluum muhabbat ki haqiiqat
kyaa hai
Vo KHayaalo.n me.n to hai.n ishq ke
ejaaz liye
वक़्त रफ़्तार बदल लेगा सितारों के
क़रीब
हम भी फिरते हैं मगर साथ घड़ीसाज़
लिये
Vaqt raftaar badal legaa sitaaro.n ke
qariib
Ham bhi phirte hai.n magar saath
ghaDii-saaz liye
ज़िन्दगी ख़ूब गुज़र जायगी हमसे
पूछो
सफ़र अंजाम तलक हसरत-ए-आग़ाज़ लिये
ZindaGii KHuub guzar jaaygii hamse
puuchho
Safar anjaam talak hasrat-e-aaGaaz
liye
- Ravi Sinha
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रग-ए-जाँ – रक्त की मुख्य धमनी; मुग़न्नी – गायक; बज़्म-ए-शोरिश – उथल-पुथल की महफ़िल;
सुख़नवर – शायर; परवाज़ – उड़ान; ख़ल्क़ – लोग, सृष्टि; अमराज़ – बीमारियाँ; एजाज़ –
चमत्कार; आग़ाज़ – शुरुआत
Rag-e-jaa.n –
Jugular vein; MuGannii – Singer; Bazm-e-shorish – Assembly of chaos; SuKHan-var
– Poet; Parvaaz – Flight; KHalq – People, Creation; Amraaz – Ailments; Ejaaz –
Miracle; AaGaaz – Beginning
वाह, इससे ज्यादा और इससे कम लिखा नही जाता । बहुत ही शानदार .......
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबज़्म-ए-शोरिश में ठहाके भी हैं तन्हाई भी
ReplyDeleteकुछ सुख़नवर भी हैं ख़ामोश से अल्फ़ाज़ लिये
वाह ... क्या कहने