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Sunday, August 20, 2023

ख़्वाबों के परिन्दे उड़ते हैं किस शाख पे शाम उतारी है

ख़्वाबों के परिन्दे उड़ते हैं किस शाख पे शाम उतारी है
दुनिया की सवारी ख़्वाबों पर हर ख़्वाब पे दुनिया भारी है
KHvaabo.n ke parinde uDte hai.n kis shaakh pe shaam utaarii hai
Duniyaa ki savaarii KHvaabo.n par har KHvaab pe duniyaa bhaarii hai

मिट्टी की बसीरत पोशीदा ज़र्रे की तजल्ली क्या कहने 
ये रक़्स-ए-शरार-ए-ज़ेर-ए-ज़मीं हस्ती में तग़य्युर जारी है
MiTTii ki basiirat poshiidaa zarre ki tajallii kyaa kahne
Ye raqs-e-sharaar-e-zer-e-zamii.n hastii me.n taGayyur jaarii hai

मंज़िल का तसव्वुर बातिन में ज़ाहिर में जहाँ के काम बहुत
क्या रख़्त-ए-सफ़र लेकर चलिये सपनों पे हक़ीक़त तारी है
Manzil ka tasavvur baatin me.n zaahir me.n jahaa.n ke kaam bahut
Kyaa raKHt-e-safar lekar chaliye sapno.n pe haqiiqat taarii hai

ये ज़ेह्न-ए-परेशाँ पहुँचा है किस दर पे सुकूँ की तजस्सुस में
इस बज़्म-ए-ख़िरद-मन्दाँ पर भी बाज़ार की पहरेदारी है
Ye zehn-e-pareshaa.n pahu.nchaa hai kis dar pe sukuu.n ki tajassus me.n
Is bazm-e-Khirad-mandaa.n par bhi baazaar ki pahredaarii hai

तहज़ीब क़दामत में पिन्हाँ तदबीर क़यामत पे राग़िब
अब चाँद-सितारों से आगे अत्फ़ाल की कारगुज़ारी है
Tahziib qadaamat me.n pinhaa.n tadbiir qayaamat pe raaGib
Ab chaa.nd-sitaaro.n se aage atfaal ki kaarguzaarii hai

आईन में लिख तो रक्खा है मक़्तूल से क़ातिल का रिश्ता
इस मुल्क-ए-सितम के घेरे में जम्हूर की ख़ुद-मुख़्तारी है
Aa.iin me.n likh to rakkhaa hai maqtuul se qaatil kaa rishtaa
Is mulk-e-sitam ke ghere me.n jamhuur ki KHud-muKHtaarii hai

इक उम्र-ए-गुज़िश्ता रख़्त-ए-सफ़र क्या ख़र्च हुआ कितना बाक़ी
कहिये कि सफ़र लम्बा होवे गो पीठ पे बोझा भारी है
Ik umr-e-guzishtaa raKHt-e-safar kyaa KHarch huaa kitnaa baaqii
Kahiye ki safar lambaa hove go piiTh pe bojhaa bhaarii hai

- Ravi Sinha
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बसीरत – समझदारी; पोशीदा – छुपी हुई; तजल्ली – चमक, आभा; रक़्स-ए-शरार-ए-ज़ेर-ए-ज़मीं – धरती के नीचे चिंगारियों का नृत्य; हस्ती – अस्तित्व; तग़य्युर – परिवर्त्तन; बातिन – अन्तर्मन; रख़्त-ए-सफ़र – सफ़र के सामान; तारी – छाया हुआ; ज़ेह्न-ए-परेशाँ – परेशान दिमाग़; तजस्सुस – तलाश; बज़्म-ए-ख़िरद-मन्दाँ – बुद्धिमानों की सभा; क़दामत – प्राचीनता; पिन्हाँ – छुपा हुआ; तदबीर – युक्ति, तरकीब; राग़िब – आकर्षित; अत्फ़ाल - बच्चे;आईन – संविधान; मक़्तूल – जिसे क़त्ल किया गया हो; जम्हूर – जनता; ख़ुद-मुख़्तारी – स्वाधीनता; उम्र-ए-गुज़िश्ता – बीती उम्र 

Basiirat – wisdom; Poshiidaa – hidden; Tajallii – splendour, brightness; Raqs-e-sharaar-e-zer-e-zamii.n – underground dance of the sparks; Hastii – existence; TaGayyur – change; Baatin – inner being; RaKHt-e-safar – things to take on a journey; Taarii – overcast; Zehn-e-pareshaa.n – disturbed mind; Tajassus – looking for; Bazm-e-KHiradmandaa.n – assembly of the wise; Qadaamat – antiquity; Pinhaa.n – hidden; Tadbiir – efforts, schemes; RaaGib – attracted; Atfaal - children; Aa.iin – Constitution; Maqtuul – the murdered one; Jamhuur – people; KHud-muKHtaarii – autonomy; Umr-e-guzishtaa – years past of one’s life