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Wednesday, April 5, 2023

लोग कहते हैं मिरा वक़्त नहीं आयेगा

लोग कहते हैं मिरा वक़्त नहीं आयेगा

और ये भी कि मिरा दौर गुज़र जायेगा

Log kahte hai.n miraa vaqt nahii.n aayegaa

Aur ye bhii ki miraa daur guzar jaayegaa

 

मुन्तज़िर कौन नहीं है किसी मुस्तक़बिल का

मेरे ख़्वाबों पे मगर दोष धरा जायेगा

Muntazir kaun nahii.n hai kisii mustaqbil kaa

Mere KHvaabo.n pe magar dosh dharaa jaayegaa

 

किसके कहने के मुताबिक़ है चलन दुनिया का

हर पयम्बर यहाँ नाकाम ही कहलायेगा

Kiske kahne ke mutaabiq hai chalan duniyaa kaa

Har payambar yahaa.n naakaam hi kahlaayegaa

 

बस मुहब्बत के सहारे ही चले आये थे

अब ये सुनते हैं ये दावा हमें मरवायेगा

Bas muhabbat ke sahaare hi chale aaye the

Ab ye sunte hai.n ye daavaa hame.n marvaayegaa

 

जंग ये है कि जगाना है ज़माने का ज़मीर

कोइ मक़्तूल ही क़ातिल को हरा पायेगा

Jang ye hai ki jagaanaa hai zamaane ka zamiir

Koi maqtuul hi qaatil ko haraa paayegaa

 

गो त'आरुफ़ से तो इन्कार करेंगी नस्लें

बे-तख़ल्लुस मिरा दीवान पढ़ा जायेगा

Go ta’aaruf se to inkaar kare.ngii nasle.n

Be-taKHallus mira diivaan paDhaa jaayegaa

 

- Ravi Sinha

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मुन्तज़िर – इन्तज़ार में; मुस्तक़बिल – भविष्य; ज़मीर – अन्तरात्मा; मक़्तूल – जिसे क़त्ल कर दिया गया; त'आरुफ़ – पहचान; बे-तख़ल्लुस – शायर के नाम के बिना

Muntazir – in wait; Mustaqbil – future; Zamiir – conscience; Maqtuul – slain; Ta’aaruf – acquaintance; Be-taKHallus – without a pen-name of the poet

 

1 comment:

  1. लोग कहते हैं मिरा वक़्त नहीं आयेगा

    और ये भी कि मिरा दौर गुज़र जायेगा.....

    What a beautiful paradox.... बहुत बढ़िया 🎉🎉🎉

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