देवता कोई पयम्बर ही
कोई बुलवाइये
आग लगनी है तो फिर से तूर पर लगवाइये
Devtaa koii payambar hii koii bulvaa.iye
Aag lagni hai to phir se tuur par lagvaa.iye
क्या नविश्ता क्या
म'आनी वज्ह क्या तफ़्सीर क्या
ज़िन्दगी इस बार
नुक्ताचीं से ही लिखवाइये
Kyaa navishta kyaa
ma’aanii vaj.h kyaa tafsiir kyaa
Zindagii is baar
nukta-chii.n se hi likhvaa.iye
शख़्स-ए-मामूली करे
क्या बस गुज़िश्ता है अज़ीम
जी में आता है कि
जीते जी यहाँ मर जाइये
ShaKHs-e-maamuulii
kare kyaa bas guzishta hai aziim
Jii me.n aataa hai
ki jiite-jii yahaa.n mar jaa.iye
कुछ तो मद्धम हैं
तफ़रक़े कुछ बुझे फ़ितने फ़साद
फ़लसफ़ी से शह्र में
अब रौशनी करवाइये
Kuchh to maddham
hai.n tafarqe kuchh bujhe fitne fasaad
Falsafii se shahr
me.n ab raushnii karvaa.iye
दस मज़ाहिब सौ
ज़ुबानें और फ़िरक़े सद हज़ार
इस दफ़ा हिन्दोस्ताँ
अच्छी तरह बँटवाइये
Das mazaahib sau
zubaane.n aur firqe sad hazaar
Is dafaa
Hindostaa.n achchhii tarah ba.nTvaa.iye
- Ravi Sinha
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तूर – पहाड़
(तूर-ए-सीना का सन्दर्भ जहाँ मूसा को दस ख़ुदाई फ़रमान मिले थे); नविश्ता – लिखित;
तफ़्सीर – व्याख्या; नुक्ताचीं – आलोचक; शख़्स-ए-मामूली – आम आदमी; गुज़िश्ता – अतीत;
अज़ीम – महान; तफ़रक़े – विवाद; फ़ितने – झगड़े; फ़लसफ़ी – दार्शनिक; मज़ाहिब – मज़हब का
बहुवचन; फ़िरक़े – पंथ, समुदाय; सद – सौ
Tuur – reference to
Mount Sinai where Moses received Ten Commandments; Navishta – written; Tafsiir –
explanation; Nukta-chii.n – critic; ShaKHs-e-maamuulii – common man; Guzishta –
past; Aziim – great, glorious; Tafarqe – dissensions; Fitne – quarrels;
Falsafii – philosopher; Mazaahib – religions; Firqe – sects; Sad – hundred
कैसे कहे वाह, पूरी ग़ज़ल आह की मुश्त हक है .... एक एक शे र कमाल का बन पड़ा है
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