ये ज़ब्त तो देखो के ज़ुबाँ कुछ ना कहे है
दिल है के उनके सामने क़ाबू में रहे है
Ye zabt to dekho ke
zubaa.n kuchh na kahe hai
Dil hai ke unke
saamne qaabuu me rahe hai
उस झील में उतरें करें इस शाख़ से परवाज़
उन आँखों में कुछ है ज़ुबाँ कुछ और कहे है
Us jhiil me.n
utare.n kare.n is shaaKh se parvaaz
Un aankho.n me.n
kuchh hai zubaa.n kuchh aur aur kahe hai
अहवाल कहे यूँ के रवाँ आग में पानी
वो चश्म गहे सुर्ख़ तो वो तर भी गहे है
Ahwaal kahe
yu.n ke ravaa.n aag me.n paanii
Wo chashm gahe
surKh to wo tar bhi gahe hai
आग़ाज़ किया है किताबे-ज़िन्दगी का यूँ
तम्हीद के इस बोझ को हर बाब सहे है
AaGaaz kiya hai
kitaabe-zindagii ka yu.n
Tamhiid ke is bojh
ko har baab sahe hai
ये दौरे-कश-म-कश कभी तो उस तरफ़ मुड़े
दरिया-ए-दहर जिस तरफ़ ख़ामोश बहे है
Ye
daur-e-kash-ma-kash kabhii to us taraF muDe
Dariya-e-dahar jis
taraF Khaamosh bahe hai
अफ़्कार समन्दर हुए अरमानों की कश्ती
शायर इसे बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल कहे है
Afkaar samandar hue
armaano.n kii kashtii
Shaayar ise
baaziicha-e-atfaal kahe hai
जो पूछ सके है तो इस मुल्को-अदब से पूछ
क्या रूह फ़ना है के बस ता'मीर ढहे है
Jo puuchh sake hai
to is mulk-o-adab se puuchh
Kyaa ruuh Fanaa hai
ke bas taa'miir Dhahe hai
- Ravi Sinha
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अहवाल (ahwaal) - वृत्तान्त (stories, affairs); गहे (gahe) - कभी (sometimes);आग़ाज़ (aaGaaz) - शुरुआत (beginning); तम्हीद (tamhiid) - भूमिका (preface); गिराँ (giraa.n) - भारी (weighty); बाब (baab) - अध्याय, पन्ना (chapter, page);
दरिया-ए-दहर (dariya-e-dahar) - समय की नदी (river of time); अफ़्कार (aFkaar) - चिन्ताएं (worries); बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल (baaziicha-e-atfaal) - बच्चों का खेल (children's play); फ़ना (Fanaa) - ग़ायब, मृत (absent, dead); ता'मीर (taa'miir) - इमारत, संरचना (structure)